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काशीपुर। 13 दिसंबर 2024 बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर भारत में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लोग केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की पुरजोर मांग कर रही है, लेकिन सरकार है कि कानों में तेल डालकर बैठी है। यहां तक कि हिंदुओं की रक्षा की दुहाई देने वाले प्रधानमंत्री भी इस मुद्दे पर ख़ामोश क्यों हैं। यह बात मीडिया को जारी अपने बयानों में कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष गौतम मेहरोत्रा ने कही ओर कहा कि बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार लगातार बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है. धार्मिक स्थल सुरक्षित नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि जिस समय बांग्लादेश का विभाजन हुआ था, उस समय हिंदू और मुस्लिम बराबर थे, लेकिन आज बांग्लादेश में मात्र 6 प्रतिशत ही हिंदू रह गये हैं। बांग्लादेश में हिंदू बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में भारत सरकार को कोई कदम उठा लेना चाहिए, जिससे कि बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित रहें। इसके लिए भारत सरकार को बांग्लादेश से अपने राजनैतिक और व्यपारिक संबंध खत्म कर लेने चाहिएं। कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष गौतम मेहरोत्रा ने कहा कि जहां एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को करारा जवाब देकर अलग बांग्लादेश की नींव रखी थी, वहीं पूरे विश्व में डंका बजने की बात कहने वाली भाजपा सरकार बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि अपने आप को हिन्दुओं का रहनुमा कहने वाली आरएसएस और भाजपा बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में चुप है, जो कि गम्भीर चिंता का विषय है। कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि वर्तमान हालातों को देखकर महसूस होता है कि बांग्लादेश से बदला लेने की हिम्मत मोदी सरकार में नहीं है। मोदी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है और बांग्लादेशी हिन्दू अत्याचार सह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय देश को इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्री की आवश्यकता है जो बांग्लादेश को मुंहतोड़ जवाब दे सके।

संपादक: काशी क्रांति- हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र
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