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नैनीताल। 2 नवंबर 2021 राज्य सरकार की अनदेखी कहा जाएगा या अधिकारियों की लापरवाही कि जिन कंपनियों ने सिंचाई खंड नैनीताल से ठेका लेकर कार्य किया और कार्य समय पर पूरा भी कर दिया। परंतु ना तो राज्य सरकार ने ही ठेकेदारों की सुध ली। और ना ही सिंचाई खंड नैनीताल के अधिकारी कंपनियों के ठेकेदारों की सुनने को तैयार नहीं है। और आज प्रोजेक्ट में अपना खुद का पैसा लगाकर ठेकेदार सिंचाई खंड नैनीताल के चक्कर काट रहे हैं। और अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है जब कि ठेकेदारों की कंपनियां बंदी की कगार पर पहुंच चुकी हैं। यदि समय रहते सरकार ने कंपनियों के ठेकेदारों के कार्य का भुगतान नहीं किया। तो कंपनियों से जुड़े सैकड़ों मजदूरों का भविष्य भी अंधकार में नजर आ रहा है। बता दें कि नैनीताल में सिंचाई खंड के द्वारा लेड लैंडिंग का कार्य कराया गया था। जिससे कि बरसात में पहाड़ियां भूस्खलन की चपेट से बची रहे पहाड़ियों को रोकने के लिए लेड लैंडिंग कराई गई थी।

सरकार का यह प्रोजेक्ट 3 करोड़ रुपए का था। जिसे चार अलग-अलग कंपनियों के ठेकेदारों के द्वारा टेंडर आमंत्रित कर कराया गया। कार्य पूरा हुए भी लगभग डेढ़ वर्ष बीत गया है। परंतु सरकार द्वारा आज तक ठेकेदारों के कार्य का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि कंपनियां बंदी की कगार पर आ गई हैं परंतु ना तो सरकार सुनने को तैयार है। और ना ही अधिकारी ही भुगतान से संबंधित ठेकेदारों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। बता दें कि नैनीताल सिंचाई खंड के द्वारा राज्य सरकार की पायलट प्रोजेक्ट योजना के अंतर्गत पहाड़ियों को भूस्खलन से बचाने के लिए लेड लैंडिंग का कार्य कराया गया था। जो अलग-अलग कंपनियों के ठेकेदारों ने आमंत्रित टेंडरों के अनुसार ठेके लेकर लैंड लैंडिंग का कार्य पूरा कर दिया। कंपनियों द्वारा कार्य पूरा किए हुए भी लगभग डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है। यह प्रोजेक्ट 3 करोड़ रुपयों का था। कार्य के दौरान नैनीताल सिंचाई खंड द्वारा 40 से 50 लाख रुपए ही ठेकेदारों को दिए गए थे।

उसके बाद आज तक कंपनियों के ठेकेदार जल निगम के लगातार चक्कर काट रहे हैं। परंतु जल निगम के अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं है। जबकि कंपनियां बंदी की कगार पर पहुंच गई हैं। अलग-अलग कंपनियों के ठेकेदारों ने लैड लैंडिंग के कार्य में अपने पास से करीब ढाई करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करके आज ठेकेदार नैनीताल सिंचाई खंड के चक्कर काट रहे हैं। परंतु ना तो अधिकारी उनकी सुनने को राजी हैं और ना ही सरकार का इस ओर कोई ध्यान है। अलग-अलग कंपनियों के ठेकेदारों के सिंचाई खंड नैनीताल पर बाकी करीब ढाई करोड़ रुपए की धनराशि उन्हें नहीं मिल पा रही है जिससे कंपनियां आज बंदी की कगार पर नजर आ रही है।अब सवाल यह उठता है कि जब ठेकेदारों द्वारा डेढ़ वर्ष पूर्व ही सिंचाई खंड नैनीताल के लैंड लैंडिंग कार्य को पूरा कर दिया था। तो जब से अब तक सिंचाई खंड नैनीताल के अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों के बिलों का भुगतान अब तक क्यों नहीं कराया गया क्या सिंचाई खंड नैनीताल के अधिकारियों की जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि कंपनियों के ठेकेदारों का बाकी का भुगतान समय पर करा दिया जाए ऐसा क्या कारण है। जो आज तक सिंचाई खंड नैनीताल के द्वारा ठेकेदारों का भुगतान नहीं कराया गया। जबकि आज ठेकेदारों की कंपनियों से जुड़े सैकड़ों मजदूरों की नौकरियां भी खतरे में पड़ गई हैं। समय रहते अगर राज्य सरकार द्वारा कंपनियों के ठेकेदारों के भुगतान से संबंधित अति शीघ्र निर्णय न लिया गया तो सैकड़ों की तादाद में मजदूरों का भविष्य अंधकार मैं जाता दिखाई दे रहा है। कंपनियों से मजदूरों को भी समय पर पैसा ना मिलने के कारण उनके भी परिवार में खाने के लाले पड़े हुए हैं। ठेकेदारों के भुगतान समय पर ना होने की जानकारी लेने के संबंध में जब सिंचाई खंड नैनीताल अधिशासी अभियंता के, एस, चौहान से जब फोन पर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट से संबंधित मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इस बारे में वह देख कर ही कुछ जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में दीपावली के बाद जानकारी देंगे कि कंपनी के ठेकेदारों का भुगतान क्यों नहीं हो पाया है।

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