उर्दू ग़ज़ल के लिए किसने तैयार किया यूट्रीक्स फाउंडेशनउर्दू ग़ज़ल के लिए किसने तैयार किया यूट्रीक्स फाउंडेशन

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आइये आज बात करते हैं एक ऐसे मंच की जिसने उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं के कवियों और लेखकों को लिखने के लिए प्रेरित किया है। साथ ही इस मंच पर उर्दू शायरों का जलवा बिखरा रहता है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं भारत के काशीपुर शहर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी (Prizmweb Technologies) द्वारा तैयार किया गया एक भरोसेमंद कविता मंच जिसका नाम यूट्रीक्स फाउंडेशन है। यूट्रीक्स फाउंडेशन को भारतीय कवि मुहम्मद आसिफ अली ने वर्ष 2020 में शुरू किया था जो प्रिज़मवेब टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक भी हैं।

कौन हैं मुहम्मद आसिफ अली

मुहम्मद आसिफ अली को आप भारतीय कवि या उर्दू शायर के नाम से जान सकते हैं इन्हें पंद्रह साल की छोटी-सी उम्र से ही ग़ज़ल और शायरी लिखने का शौक़ था मगर तलाश थी एक मंच की, जहाँ पर इनकी ग़ज़लों को दुनिया तक ले जाना आसान हो जाए। कुछ समय बाद ये प्रिज़मवेब टेक्नोलॉजीज के सह-संपादक बन गए। साल 2020 में इनके मन में विचार आया कि मेरी तरह न जाने कितने कवि दबी हुई आवाज के साथ ज़िन्दगी जी रहे होंगें लिहाज़ा एक ऐसा मंच तैयार किया जाए जो शायरों और कवियों को अपना हुनर दिखाने का मौका दे। उसके बाद इन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर तैयार कर दिया यूट्रीक्स फाउंडेशन को। क्यूंकि रेख़्ता और कविता कोश जैसे मंच नए कवियों को सम्पूर्ण मौका नहीं देते।

मंच की विशेषताएं क्या हैं

यहाँ पर प्रत्येक कवि अपनी रचना भेज सकता है वह जिस भाषा में रचना भेज रहा है उसमें अगर शब्दों की कमियां हों तो टीम उसमें सुधार कर सकती है लेकिन अगर शायरी के मायने सही न हुए तो फिर इसको हटा दिया जाता है। यहाँ पर सभी कवियों को इस बात का ख़ास ख़्याल रखना पड़ता है। नए कवियों के लिए हम उनकी गलतियों का ब्यौरा भेजते हैं जिससे उन्हें काफी मदद मिलती है और अगली कविता के ये उन्हें इसका ज्ञान हो जाता है।

कैसे भेज सकते हैं अपनी कविताएं

अपनी कविताओं को भेजने के लिए आपको सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ेगा। आपको अपनी कविता अपने हैंडल से की गई पोस्ट पर हमारे ऑफिसियल इंस्टाग्राम हैंडल को टैग करना होगा जिससे हमें एक नोटिफिकेशन प्राप्त होगा। इस प्रक्रिया के कुछ समय बाद हमारी टीम आपकी रचना की जाँच करेगी और जो नतीजा होगा वो आप को बता दिया जाएगा। आपकी रचना को अगर अस्वीकार किया जाता है तो निराश न हों बल्कि अपनी गलती देखें और फिर कोशिश करें।

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